The best Side of हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे

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पेट के कीड़े भी पाचन तंत्र के खराब होने के कारण होती है। हल्दी पाचक एवं कृमिघ्न गुण होने के कारण यह पेट के कीड़ों से भी राहत दिलाती है।  

हल्दी के गर्म दूध को सोने से एक घंटे पहले पीने से ज्यादा बेहतर नींद आती है। दूध में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन है, जो मस्तिष्क रसायन हैं जो आपकी नींद चक्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हल्दी तनाव कम कर देती है और आपके शरीर को आराम देती है।

हल्दी को संस्कृत में हरिद्रा कहते हैं. यह अदरक के परिवार जिंजीबेरेसी की सदस्य है. हल्दी का वानस्पतिक नाम कुरकुमा लोंगा है। हल्दी वह मसाला है, जिसे भारतीय व्यंजनों में न डाला जाए तो खाना कुछ अधूरा सा लगता है। यह हमारे किचन का एक अहम हिस्सा है, जो संतरी- पीले रंग का होता है और जिसकी महक दूर से ही आ जाती है। इसका स्वाद भी अनूठा होता है, जिसमें हल्का कड़वापन और काली मिर्च का जायका होता है। हमारे खाने में पीला रंग हल्दी की वजह से ही आता है लेकिन इससे दाग लगने का खतरा भी रहता है। यदि हाथ या नाखूनों में लग जाए तो इसका रंग तुरंत नहीं जाता। हल्दी की सबसे ज्यादा खेती आंध्र प्रदेश में होती है। इसके बाद ओडीशा, तमिलानाडु और महाराष्ट्र में हल्दी की खेती का नंबर आता है।

• हल्दी को दूध में मिलाकर कई रोगों में उपयोग किया जाता है।

गेहूं, जौ या राई के आटे वाली हल्दी का सेवन करने से ग्लूटेन असहिष्णुता या सीलिएक रोग वाले लोगों में प्रतिकूल लक्षण दिखाई दे सकते है।

हल्दी के सेवन से रक्त साफ होता है जिससे फोड़े-फुंसी की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है।

बचे हुए मास्क को पूरे बालों में लगा लें।

देखा जाए तो हल्दी के सप्लीमेंट भी मौजूद हैं लेकिन कच्ची हल्दी सबसे बढ़िया ऑप्शन है। आप चाहें तो सर्दियों में कच्ची हल्दी का हलुआ बनाकर रोजाना एक चम्मच इसका सेवन कर सकते हैं।

यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो बस अपने हल्दी दूध में शहद का एक चम्मच जोड़ लें। हल्दी में उपस्थित यौगिक आपके शरीर में वसा को नष्ट कर आपको वजन कम करने में मदद करते हैं। हल्दी वसा को तोड़ती है और इसे बहार निकाल देती है, जिससे शरीर में पित्त का उत्पादन बढ़ता है। इसे पीना अधिक ऊर्जा Source प्रदान कर सकता है जो आपको भूख और भारी भोजन खाने से से दूर रखेगा।

कच्ची हल्दी पीने से क्या होता है? माना जाता है की सूखी हल्दी से ज्यादा कच्ची हल्दी फायदेमंद होती है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में तो कच्ची हल्दी रामबाण की तरह है।

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इस आलेख को क्यों पढ़ें हल्दी की कितनी मात्रा लेनी चाहिए हर दिन?

हल्दी का डीटोक्सीफयिंग गुण बायल का उत्पादन करता है और इन रसायनों को लीवर को नुक्सान पहुंचाने से रोकता है।

हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण हाथ पैरों का दर्द मिटा देते है। कभी कभी हाथ-पैरों में दर्द होने लगता है ऐसा अक्सर ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। तो ऐसे में आपको हल्दी का सेवन करना चाहिए आप गर्म दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकते है।

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